
सीकर. चिकित्सा विभाग की जिला मानसिक इकाई तथा एसके अस्पताल के मनोचिकित्सा विभाग की ओर से शुक्रवार को विश्व मानसिक दिवस मनाया गया। नोडल अधिकारी एवं सहायक आचार्य डॉ. महेश चौधरी ने सिजोफ्रेनिया के बारे में रोगियों को जानकारी दी। उन्होंने बताया कि यह एक घातक बीमारी है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार भारत में 70 लाख मरीज इससे ग्रसित है। यह बीमारी ब्रेन के डोपामाइन न्यूरोट्रांसमीटर के बढ जाने से होती है। इस बीमारी में लंबे समय तक नींद न आना, कानों में अजीब आवाज आना तथा भूत प्रेत दिखाई देना, बिना बात के शक वहम करना, उग्र व्यवहार होना, बीमारी को न मानना व इलाज न करवाना आदि लक्षण होते हैं।
डॉ. रामचन्द्र लाम्बा ने सिजोफ्रेनिया के लक्षण व रोगियों को अपनी जिम्मेदारियों, समय पर इलाज, जांच व बीमारी के लम्बे समय पर लगातार दवाई लेने के बारे में जागरूक किया। उन्होंने रोगियों को मेडिटेशन, दिनचर्या में परिवर्तन तथा साइको थैरेपी के बारे में जानकारी दी।